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Bhai Dooj 2023: जानिए कब है भाई दूज, तिथि मुहूर्त और पूजा विधि

हर वर्ष भाई दूज का त्यौहार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है यह तिथि कार्तिक अमावस्या के दो दिन बाद आती है। इस वर्ष भाई दूज का त्यौहार 15 नवम्बर 2023 को मनाया जायेगा। अधिक पढ़ें इस ब्लॉग में-

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Priya Singh
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Bhai Dooj 2023(Freepik)

Bhai Dooj 2023(Image Credit - Freepik)

Bhai Dooj 2023 Tithi Muhurta And Method Of Worship: दिवाली का 5 दिनों का त्यौहार हर ओर बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। यह त्यौहार पूरे देश में बड़े धूम-धाम से मनाया गया। दिवाली के बाद दूसरे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है इस दिन बहने अपने भाई को तिलक करती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा -सुरक्षा करने का प्रण लेते हैं। यह त्यौहार हर वर्ष दिवाली के बाद बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है और लोग अपने घरों में पूजा करते हैं और बहनें अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं और भाई उन्हें कुछ उपहार देकर उनकी सुरक्षा करने का वचन लेते हैं। आइये जानते हैं कि कब है भाई दूज- 

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Bhai Dooj 2023 कब है?

हर वर्ष भाई दूज का त्यौहार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है यह तिथि कार्तिक अमावस्या यानी की दीपावली के दो दिन बाद आती है। इस वर्ष भाई दूज का त्यौहार 15 नवम्बर 2023 को मनाया जायेगा। 15 नवम्बर को पूजा करके अपने भाई को तिलक करके उनकी लम्बी उम्र की प्राथना करेंगी। 

भाई दूज तिलक मुहूर्त 

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इस वर्ष भाई दूज 15 नवम्बर 2023 को मनाया जायेगा। इस दिन पूजा और भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 10 बजकर 46 मिनट से लेकर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। बहनें इस समय में पूजा करके अपने भाइयों को तिलक लगा सकती हैं। 

क्यों मनाई जाती है भाई दूज 

भाई दूज को कुछ क्षेत्रों में भाई फोटा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। यह दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। एक लोकप्रिय कहानी भगवान कृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा के बारे में है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षस नरकासुर का वध करने के बाद, भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए। सुभद्रा ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर और आरती उतारकर उनका स्वागत किया। उन्होंने उन्हें मिठाइयाँ और उपहार भी दिये। ऐसा माना जाता है कि भाई दूज पर भाई के माथे पर तिलक लगाने की परंपरा सुभद्रा के इसी भाव से प्रेरित है।

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एक और कहानी मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना के इर्द-गिर्द घूमती है। कहा जाता है कि भाई दूज के दिन यम अपनी बहन यमुना से मिलने गये थे। यमुना ने प्रेम और स्नेह से यम का स्वागत किया, उनके माथे पर तिलक लगाया और आरती की। यम अपनी बहन के आतिथ्य से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने उसे वरदान दिया कि जो कोई भी इस दिन अपनी बहन से मिलने आएगा और उसका आतिथ्य प्राप्त करेगा उसे लंबे और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलेगा।

कैसे मनाते हैं भाई दूज

भाई-बहन के बीच के बंधन के महत्व और भाई दूज के दिन इस बंधन को मनाने की परंपरा है। इस त्यौहार में बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं। बदले में, भाई अपनी बहनों को प्यार और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में उपहार देते हैं। भाई दूज पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है और भाइयों और बहनों के लिए एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार और स्नेह व्यक्त करने का एक खुशी का अवसर है।

Bhai Dooj 2023 भाई दूज
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